स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: स्टैचू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लोह पुरुष स्व. श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्यंती के दिन नर्मदा नदी के टापू द्वीप गुजरात में किया गया. जिसकी नीव 31 Oct, 2013 राखी गई थी. स्व. श्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है क्योकि श्री सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में नडियाद में हुआ था. 31 अक्टूबर 2018 को स्व. श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से लोकार्पण किया गया. सरदार वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि बारदौली की महिलाओ ने दी तथा 1991 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. सरदार वल्लभ भाई पटेल पटेल का "नारा कर मत दो"
स्टेचू ऑफ यूनिटी विश्व की ऊंचे प्रतिमा है इस प्रतिमा की लंबाई 182 मीटर है स्टैचू ऑफ यूनिटी की कुल लंबाई कॉल ऊंचाई स्टैचू ऑफ यूनिटी गोलू ऊंचाई 240 मीटर है जिसमें 58 मीटर की आधार और 182 मीटर मूर्ति की ऊंचाई है. 1700 टन की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में 2989 करोड़ रूपये खर्च किया है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को 12 किमी की दूरी से देखा जा सकता है, को पर्यटन के हिसाब से तैयार किया गया स्टैचू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए दो तरह के टिकटओं बनाया है 150 रुपए और दूसरा 350 रुपए का है प्रत्येक सोमवार को स्टैचू ऑफ यूनिटी स्मारक बंद रहता है
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का शिलान्यास 31 अक्टूबर 2013 में किया गया था और 31 अक्टूबर 2018 मैं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण किया गया.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रतिमा की डिज़ाइन श्री राम सुतार जी ने तैयार किया है.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रतिमा की डिज़ाइन श्री राम सुतार जी ने तैयार किया है.
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