कोरोना वायरस संक्रमण का 60 मिनट में चलेगा पता, आ रहा देसी 'फेलूदा'
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हलकान कर दिया है। राजधानी दिल्ली में कोविड-19 की तीसरी लहर जारी रही इस बीच, इस बीमारी की जांच करने के लिए आज एक बड़ी खबर मिलने वाली है। दरअसल, अपोलो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के साथ मिलकर टाटा ग्रुप एक देश में निर्मित टेस्ट किट 'फेलूदा' का लॉन्च करेगी। इसकी खासियत ये है कि इस टेस्ट के नतीजे 1 घंटे के भीतर मिल जाएंगे। फेलूदा के किट को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इसके देश में प्रयोग की अनुमति मिल गई है। कहा जा रहा है कि टेस्ट किट का सबसे पहले इस्तेमाल दिल्ली में किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस किट की कीमत 500 रुपये तक हो सकती है।
स्वदेशी CRISPI जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है। ये तकनीक कोरोना वायरस SARS-CoV2 के जेनेटिक मटीरियल को पहचानने में मददगार है। ये टेस्ट Rt PCR टेस्ट जितना ही सटीक परिणाम देता है। पूरी दुनिया में अभी तक Rt PCR ही कोविड-19 के टेस्ट में कारगर माना जाता है। अब फेलूदा एक ऐसा विकल्प बनकर सामने आया है जो जल्दी नतीजे देने के साथ ही काफी सस्ता भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट का रिजल्ट आने में लगभग 24 घंटे लग जाते हैं, लेकिन फेलूदा टेस्ट का रिजल्ट एक घंटे से भी कम समय में आ जाएगा। आइसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अत्यधिक समय लगने के कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट बड़े पैमाने पर करना संभव हो पाता है। मैन्युफैक्चर का दावा है कि इस टेस्ट को करवाने के बाद RT-PCR टेस्ट से पुष्टि की कोई ज़रूरत नहीं। इस टेस्ट में जो शख्स पॉजिटिव आएगा उसको पॉजिटिव माना जाएगा और जो शख्स नेगेटिव आएगा उसको नेगेटिव मान लिया जाएगा।
स्वदेशी CRISPI जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है। ये तकनीक कोरोना वायरस SARS-CoV2 के जेनेटिक मटीरियल को पहचानने में मददगार है। ये टेस्ट Rt PCR टेस्ट जितना ही सटीक परिणाम देता है। पूरी दुनिया में अभी तक Rt PCR ही कोविड-19 के टेस्ट में कारगर माना जाता है। अब फेलूदा एक ऐसा विकल्प बनकर सामने आया है जो जल्दी नतीजे देने के साथ ही काफी सस्ता भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट का रिजल्ट आने में लगभग 24 घंटे लग जाते हैं, लेकिन फेलूदा टेस्ट का रिजल्ट एक घंटे से भी कम समय में आ जाएगा। आइसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अत्यधिक समय लगने के कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट बड़े पैमाने पर करना संभव हो पाता है। मैन्युफैक्चर का दावा है कि इस टेस्ट को करवाने के बाद RT-PCR टेस्ट से पुष्टि की कोई ज़रूरत नहीं। इस टेस्ट में जो शख्स पॉजिटिव आएगा उसको पॉजिटिव माना जाएगा और जो शख्स नेगेटिव आएगा उसको नेगेटिव मान लिया जाएगा।
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